वैसे तो अब ये संस्था कोई आम नहि रहा। मिथिला स्टूडेंट यूनियन जिसको हम छोटा अक्षर मे कहे तो MSU एक गैर राजनितिक संस्था है। जिसका एक मात्र उद्देश्य मिथिला के छात्र और क्षेत्र का सर्वागिन विकास है। इस संस्था की स्थापना मिथिला क्षेत्र के बेरोजगारी, पलायान, अशिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा की लचर स्थिती, लघु उद्योग की जर्जर स्थिति में सुधार लाना।
MSU हिंदुस्तानका पहला कोई ऐसा संस्था है जिसका राजनितिक से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लेना देना नहीं हे । मिथिला स्टूडेंट यूनियन का स्थापना क्षात्र, क्षात्रा और क्षेत्र के विकाश के लिए हुवा हे । और ये संस्था पूरी तरह से इसके विकाश के काम में हमेशा तत्पर रहा हे ।
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वैसे मिथला और मैथिलि भाषा, संस्कृति और कला के विकाशमे बहोत सारी संस्थाओं का हाथ हे। बहोत सारी संस्थाओं ने बहोत अच्छे - अच्छे काम भी किया हे, लेकिन अगर हम MSU कि बात करें तो इन मामलाओं ये संस्था काफ़ी आगे निकल चूका हे । मसु एक जोशीला और कामनिर्पेक्ष संस्था हे। इस संस्था में ज्यादातर युवा वर्ग के नौजवान है जिसके कारण इसका काम भी तेज़ी से बढ़ रहा हे।
इस संस्थाका उदेस्य
MSU के उदेस्य की अगर हम बात करें तो , इस संस्था का जो भी उदेस्य हे वो मिथिला और मैथिलि के विकाश से जुड़ा हुवा हे।
१. मिथिला और मैथली के विकाश में एक नयाँ मोड़ देना।
२. बिभिन्न किसिमके बंद पड़ा संगसंस्थाओं को खुलवाने के लिए जोड़ देना।
३. क्षात्र , और क्षेत्र के टेवा देना।
४. पलायन रोकना
५. मिथिला संस्कृति और भाषा लुप्त बचाना।
६. मिथिला राज्य स्थापना करना।
७. मिथिला में मानव संसाधन का विकाश करना।
८. रोजगारी और इनसे होनेवाली समस्याओंको दूर करना।
९. AIMS, IIT, IIM, IT , Textile इत्यादि का स्थापना करना।
१०. जिल्लाओं और पंचायतों में शिक्षा जोन स्थापित करना।
११. किसानों के लिए कृषि से जुडी समस्याओं का निवारण करना।
१२. महिला सशक्तिकरण हेतू एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब की कल्पना करना।
वैसे अगर देखा जाए तो इस संस्था ने काफी सभी चीजों पर काम भी किया हे और काफी हदतक बहोत सारी उपलब्धियाँ प्राप्त भी किया हे और बाँकी उपलब्धियाँ प्राप्त करने हेतु जी कर रहा हे।




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