आजकल फेसबुक पर मिथिला और मैथिली का कुछ ज्यादा ही ठेकेदार मिल रहा हे। मिथिला और मैथिली का ठेकेदार की तादाद कुछ ज्यादा ही देखनेको मिल रहा हे। हम बात कर रहे हे उन युवाओ की जो अपने आपको मिथिला और मैथिली का सेनानी मान रहे हे। अपने आपको मिथिला का निर्देशांत बता रहे हे।
आज की दौड़ में सायद ही कोई मैथिल हो जो Mithila Student Union नाम के विद्यार्थी संगठन को ना जनता हो। जाहिर सी बात हे ये संगठन मिथिला और मैथिलि के लिए हे तो , मिथिला मैथिलि विकाश में हमेशा तत्पर रहने की कोशिश भी कर रहे हे और काफी हद तक मैथिलि विकाश में टेवा भी दिया हे।
परन्तु msu के कुछ जवानों को आजकल ऐसा अनुभव होने लगा हे की मिथिला का वो ठेकेदार बन गए हे , उनका मानना ये हे की msu मतलव मिथिला और मिथिला मतलव msu .
अगर विस्वास नहीं हे तो ये एक फेसबुक का जानेमाने सदस्य का पोस्ट देखें।
ये लोग दावा कर रहे हे की जो msu को समर्थन करता हे वही मिथिला और मैथिलि का असली सुभचिन्तक हे। अब इन लोगों को कौन बताएं कि ' कुवाँ का मेंढक को को ऐसे लगता हे की वो महासागर का राजा हे उन के इलावा इस दुनियाँ में कोई नहीं हे। .... जो हे सो वहीं हे , लेकिन जब उस मेंढक को कुवाँ से बाहर निकालता हे तब उन्हें एहसास होता हे की दुनियाँ कितनी बड़ी हे और वो एक दुनियाँ का तुक्ष वस्तु वा प्राणी हे।
मिथिला का इतिहास उनके ठेकेदारों को नहीं पता हे की वास्तविकता क्या हे। मिथिला का वास्तविक स्वरुप क्या हे और मिथिला और मैथिल क्या हे। बस लोग सामाजिक संजाल पर अपना अपना बहस या अन्य भाषा में कहे तो बकलोली करते हे।
अगर आप सही में मिथिला और मैथिली का सुभचिन्तिक मानते हे तो मिथिला और मैथिली के विकाश के मुद्दों पे बहस करें अपने आपको ठेकेदार या कोई संस्था को ठेकेदारी का दाग न लगायें।
मिथिला का हिस्सा भारत से ज्यादा नेपाल में हे , वहाँ भी मिथिला के विकाश हेतु बहोत सारि संगठन काम कर रहे हे और मिल के काम कर रहे हे। वे लोग अपने आपको मोनोपोली (Monpoly) कहने के वजय सब मिल के काम करते हे और ये सही भी ये क्युकी यहीं सही हे
जय मिथिला !
नोट : ये Article किसी संस्था या कोई ब्यक्तिको बदनाम या निचा दिखाने हेतु नहीं लिखा गया हे। अगर किसी ब्यगति विशेष या किसी संस्था को आघात पहोंचा हो तो Myknowledgemeniya टीम क्षमा प्रार्थी हे। धन्यवाद् !
Trade Inquiry : +977- 9816832994
आज की दौड़ में सायद ही कोई मैथिल हो जो Mithila Student Union नाम के विद्यार्थी संगठन को ना जनता हो। जाहिर सी बात हे ये संगठन मिथिला और मैथिलि के लिए हे तो , मिथिला मैथिलि विकाश में हमेशा तत्पर रहने की कोशिश भी कर रहे हे और काफी हद तक मैथिलि विकाश में टेवा भी दिया हे।
परन्तु msu के कुछ जवानों को आजकल ऐसा अनुभव होने लगा हे की मिथिला का वो ठेकेदार बन गए हे , उनका मानना ये हे की msu मतलव मिथिला और मिथिला मतलव msu .
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ये लोग दावा कर रहे हे की जो msu को समर्थन करता हे वही मिथिला और मैथिलि का असली सुभचिन्तक हे। अब इन लोगों को कौन बताएं कि ' कुवाँ का मेंढक को को ऐसे लगता हे की वो महासागर का राजा हे उन के इलावा इस दुनियाँ में कोई नहीं हे। .... जो हे सो वहीं हे , लेकिन जब उस मेंढक को कुवाँ से बाहर निकालता हे तब उन्हें एहसास होता हे की दुनियाँ कितनी बड़ी हे और वो एक दुनियाँ का तुक्ष वस्तु वा प्राणी हे।
मिथिला का इतिहास उनके ठेकेदारों को नहीं पता हे की वास्तविकता क्या हे। मिथिला का वास्तविक स्वरुप क्या हे और मिथिला और मैथिल क्या हे। बस लोग सामाजिक संजाल पर अपना अपना बहस या अन्य भाषा में कहे तो बकलोली करते हे।
अगर आप सही में मिथिला और मैथिली का सुभचिन्तिक मानते हे तो मिथिला और मैथिली के विकाश के मुद्दों पे बहस करें अपने आपको ठेकेदार या कोई संस्था को ठेकेदारी का दाग न लगायें।
मिथिला का हिस्सा भारत से ज्यादा नेपाल में हे , वहाँ भी मिथिला के विकाश हेतु बहोत सारि संगठन काम कर रहे हे और मिल के काम कर रहे हे। वे लोग अपने आपको मोनोपोली (Monpoly) कहने के वजय सब मिल के काम करते हे और ये सही भी ये क्युकी यहीं सही हे
जय मिथिला !
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